रसप्रिया
लेखक : फणीश्वर नाथ ‘रेणु’
प्रकाशक : अरु पब्लिकेशन्स
संस्करण : 2014
मूल्य
: 350 रुपए
पृष्ट
: 160
संकलन में लेखक
की 14 छोटी कहानियाँ हैं :
1। बट बाबा
2। धर्मक्षेत्रे-कुरुक्षेत्रे
3। तीसरी कसम
अर्थात मारे गए गुलफाम
4। ठेस
5। तौबे एकला
चलो रे
6। आत्म-साक्षी
7। विकट संकट
8। विघटन के
क्षण
9। अग्निखोर
10। भित्तिचित्र
की मयूरी
11। रसप्रिया
बिना किसी लाग-लपट
के सीधे सीधे अपनी बात कही है लेखक ने, इन कहानियों में। समाज
के निचले, उपेक्षित, शोषित वर्ग के अनुभवों, भोगे हुए यथार्थ और पीड़ाओं का चित्रण है। पाठकों को एक वर्ग को ऐसे तथ्य पढ़ने
से परहेज है तो दूसरा वर्ग इसे ही असली साहित्य समझता है। आप कौन से वर्ग में हैं?
‘तीसरी कसम अर्थात मारे
गए गुलफाम’ पर ही राजकपूर अभिनीत हिन्दी सिनेमा ‘तीसरी कसम’ बनी और अनेक पुरस्कारों से पुरस्कृत हुई थी।
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