शुक्रवार, 21 अप्रैल 2023

मलाईदार लस्सी का रहस्य


           

बाहर अच्छी गरम है। एसी चला कर सोफा पर अधलेटा पड़ा हूँ। तभी रसोई से पत्नी ने आवाज दी, चलो आज हलवाई की लस्सी पी कर आते हैं। पता है कि वह पसीने में लथ-पथ होगी, ना कहने का सवाल ही पैदा नहीं होता, ‘हाँ चलो’, मैंने उठते-उठते कहा। तभी सामने चल रहे टीवी पर नजर पड़ी। एन्कर कह रहा था, ‘आपके शहर की सबसे अच्छी लस्सी की सच्चाई, जिसे सुन कर आप दंग रह जाएंगे और शायद बाजार की लस्सी पीना बंद कर देंगे। क्या आपने कभी सोचा कि आपकी लस्सी का स्वाद वैसा क्यों नहीं होता जैसा बाजार की लस्सी का होता है? आइए आज सुनते हैं हमारी विशेष रिपोर्ट जिसमें इस रहस्य पर से हम पर्दा उठा रहे हैं। तब तक पत्नी ने कहा, ‘आवाज थोड़ा बढ़ाओ’, और मेरे बगल में सोफा पर जांच गई। एंकर ने लस्सी का जो किस्सा सुनाया उसका सार-संक्षेप -

‘हलवा’ अपनी लस्सी के लिए प्रसिद्ध रहा है। वास्तव में उसकी लस्सी शहर में चर्चा का विषय रही है। उसके दीवानों में समाज के सभी वर्गों के लोग शामिल हैं। एक आयकर अधिकारी, जो एक बार उस रास्ते से गुजरा, उस दुकान पर लगी कतार को देखकर हैरान रह गया और उसने खुद उसकी लस्सी चखी तो वह भी उसका दीवाना हो गया और नियमित व्यसनी बन गया।

          लेकिन एक दिन अचानक उसका ध्यान स्वादिष्ट लस्सी से हटकर उसकी कमाई की ओर चला गया। उकी जिज्ञासा ने जल्द ही उसे ग्राहक से आयकर अधिकारी बना दिया। वह यह देखकर चकित रह गया कि हलवाई की कोई फ़ाइल ही नहीं है। उसने तुरंत उसे अपनी आय का ब्योरा जमा करने का निर्देश भिजवाया और जल्द उसे ब्यौरा प्राप्त भी हो गया।

          जब उसने उस ब्यौरे की जांच की तो उसकी आँखें चौड़ी हो गई, खर्च खाते में ब्लोटिंग पेपर का खर्च देखकर। हलवाई ब्लोटिंग पेपर का क्या कर रहा है? और वह भी इतनी बड़ी रकम? इस रहस्य को सुलझाने में असमर्थ वह उच्चाधिकारी के पास गया। बड़ी से बड़ी कंपनी में और न ही किसी भी सरकारी दफ्तर में भी इतना ब्लॉटिंग पेपर लगता है। तब यह हलवाई इतने ब्लॉटिंग पेपर का क्या कर रहा है?  इसे मिलावट’ का मामला समझ आयकर अधिकारियों ने यह मामला पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने हलवाई को भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत ‘खाद्य पदार्थों में मिलावट’ के आरोप में पकड़ लिया।  मजिस्ट्रेट ने हलवाई को अभियोजन पक्ष के तर्क को सही ठहराया और सार्वजनिक स्वास्थ्य के आरोप में हलवाई को एक साल के कठोर कारावास की सजा सुना दी

          हलवाई ने उच्च न्यायालय में अपील की। और यहाँ से प्रारम्भ होती है असली रिपोर्ट। बचाव पक्ष के वकील ने उच्च न्यायालय के समक्ष तर्क दिया, "माई लॉर्ड, मेरे मुवक्किल के खिलाफ आरोप बिल्कुल निराधार और काफी अस्पष्ट है। वह कई वर्षों से इस लस्सी को बेच रहा है, इस अवधि में लस्सी के हजारों प्रेमियों ने मीठा मथा हुआ दही चखा और उसका आनंद लिया है। क्या अभियोजपक्ष ने इन हजारों में से एक भी ग्राहक पेश किया है, जिसने शिकायत की हो या गवाही दी हो कि मेरे मुवक्किल की दुकान की लस्सी के कारण वह कभी बीमार पड़ा या किसी बीमारी से पीड़ित हुआ? इसके विपरीत, मैं यह दावे के साथ कह सकता हूं कि मेरे मुवक्किल के ग्राहक असाधारण रूप से अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेते हैं और मैं अनेक सम्मानित ग्राहक पेश कर सकता हूं, जिनका स्वास्थ्य मेरे इस दावे को पूरी तरह से पुष्ट करेगा।"

          बचाव पक्ष के वकील ने अपना ब्रीफ़केस खोलकर पिक्चर फ्रेम निकाले जिनमें कुछ हस्तलिखित प्रमाण पत्र लगे थे। न्यायाधीशों के सामने उन्हें गर्व से कहा, "मी लॉर्ड, ये कुछ प्रतिष्ठित लोगों के प्रमाण पत्र हैं, न केवल इस शहर के, बल्कि देश के भी, जिन्होंने प्रशंसात्मक शब्दों में इसकी मनोरमता की गवाही दी है। मेरे मुवक्किल की लस्सी की विशेषता और मौलिकता के कारण ही वह सूबे के उच्चाधिकारियों और नेताओं से बहुत आदर पाता है और उसे महत्वपूर्ण समारोहों में आमंत्रित किया जाता है। आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि गर्मियों के मौसम में, मेरे मुवक्किल की लस्सी को इस देश के विशेष पेय के रूप में आने वाले विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को पिलाई जाती है।"

          "लेकिन ब्लॉटिंग पेपर के बारे में आपका क्या कहना है?" एक न्यायाधीश ने अधीरता से पूछा। "ब्लॉटिंग पेपर, माई लॉर्ड," बचाओ पक्ष के वकील ने उत्तर दिया, "मेरे मुवक्किल द्वारा गाढ़ा दही और मला  बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक महत्वपूर्ण सामग्री है, जिसे देखते ही उसके ग्राहकों के मुंह में पानी आ जाता है। ब्लॉटिंग पेपर के उपयोग से उत्पन्न होने वाली मोटी मलाके कारण ही ग्राहकों को इसे पचाने में बहुत मदद मिलती है।"

          अदालत में जाहिर तौर पर उसने जो जादू पैदा किया था, उसका आकलन करते हुए, वकील अब और भी सूक्ष्म तर्कों पर चले गए। अपने  सलाह जैसे संबोधन में उन्होंने कहा, "मेरा मुवक्किल लस्सी बनाने की कला में माहिर है। एक रसायनज्ञ की तरह वह ब्लॉटिंग पेपर का उपयोग बहुत वैज्ञानिक रूप से मापी गई मात्रा में करता है। वह केवल एक प्रसिद्ध पेपर मिल द्वारा बनाए गए पूरी तरह से साफ ब्लॉटिंग पेपर का ही उपयोग करता हैइसे दूध के साथ मिलाने से पहले अच्छी तरह से पीसा जाता है एक लंबी सांस लेते हुए और न्यायाधीश की आँखों-में-आंखें  डाल कर वकील ने अपनी बात जारी रखी, "यह अफ़सोस की बात है कि पुलिस ने मेरे मुवक्किल पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। वास्तव में, मेरे मुवक्किल की ईमानदारी बहुत सराहनीय है। वह इतना ईमानदार है कि उसकी लस्सी में इतनी गाढ़ी लाई होने के बावजूद वह इस स्वादिष्ट मलाई के लिए कुछ भी अतिरिक्त राशि नहीं लेता है। अपनी लस्सी उसी दर पर बेचता है जिस दर पर दूसरे हलवाई बेचते हैं। मैं निवेदन करता हूं, यह एक महत्वपूर्ण बिंदु है, जिसे मैं आपसे नोट करने करने का अनुरोध करता हूं। यदि मेरा मुवक्किल चाहता तो वह आसानी से मलाके लिए एक अतिरिक्त राशि वसूल कर सकता थालेकिन चूंकि वह जानता है कि ग्राहकों के लिए जो मलाहै, वह वास्तव में मलाई नहीं है, इसलिए वह ईमानदारी से मानता है कि उसे अधिक शुल्क नहीं लेना चाहिए।”

          "लेकिन निश्चित रूप से आप उम्मीद नहीं करते होंगे कि हम आपकी वाकपटुता से सहमत होंगे कि लस्सी में ब्लॉटिंग पेपर के उपयोग से ग्राहकों के स्वास्थ्य को नुकसान और चोट नहीं पहुँती है," न्यायाधीशों में से एक ने टिप्पणी की।

          "निश्चित रूप से, महोदय, निश्चित रूप से।"  जज की तीखी टिप्पणी के जवाब में बचाव पक्ष के काउंसलर ने कहा, "आइए देखते हैं कि ब्लोटिंग पेपर किस चीज से बना होता हैसर, ब्लॉटिंग पेपर मूल रूप से उन्हीं सामग्रियों से बना होता है, जो वनस्पति घी बनाने के लिए प्रयोग किये जाते हैं। रासायनिक प्रयोगशाला के विश्लेषण में यह पाया गया है कि ब्लॉटिंग पेपर कच्चे बाँस का बना होता है। हाँ सर, बाँस, जो अचार की सबसे स्वादिष्ट किस्म का है”। वकील ने आगे कहा, "केवल अंतर यह है कि ब्लॉटिंग पेपर में, यह सूखे रूप में होता है। इस प्रकार ब्लॉटिंग पेपर में जो कुछ भी है, और जिसका अर्थ है कि मेरे मुवक्किल ने लस्सी में जो कुछ भी मिलाया है, वह एक प्रकार की वनस्पति ही है।" एक हंसी के साथ बोलते हुए, वकील ने आगे कहा, "इससे भी बढ़कर यहाँ ब्लॉटिंग पेपर वही काम करता है जो हमारी जानी-मानी देसी जड़ी-बूटी इसबगोल करती है। यानी यह आंतों को सिकुडऩे से रोकती है, जिससे मेरे मुवक्किल की लस्सी लेने वाले ग्राहकों को कब्ज की शिकायत नहीं होती, क्योंकि यह उनके पेट और आंतों को स्वस्थ्य रखती है। आप जानते हैं कि चिकित्सा विज्ञान ने कमोबेश पुष्टि की है कि अधिकांश रोग पेट के विकारों के कारण होते हैं - हमारी अधिकांश बीमारियों और खराब स्वास्थ्य का मूल कारण यही है। और चूँकि लस्सी पेट और आंत को साफ रखती है इस कारण मेरे मुवक्किल के ग्राहक अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखते हैं।"

          जब वकील ने देखा कि न्यायाधीश एवं अन्य उपस्थित लोग उनकी दलीलों को बहुत रुचि से सुन रहे हैं, वकील ने विजयी भाव से कहा, "और तो और, लस्सी में ब्लॉटिंग पेपर, मानव शरीर में मौजूद सभी जहरों को सोंख कर मिटा देता है ।" वकील के तर्क ने न्यायाधीशों को विस्मय में डाल दिया।

          वकील ने, आगे कहा, "चूंकि लस्सी में बहुत अधिक चर्बी होती है, बहुत से लोग इसे पचा नहीं पाते हैं। लेकिन मेरे मुवक्किल द्वारा मिश्रित ब्लॉटिंग पेपर अतिरिक्त चर्बी को अवशोषित करता है, जिससे चर्बी को पचाने में बहुत सहायता मिलती है। कोई आश्चर्य नहीं, सैकड़ों ग्राहक मेरे मुवक्किल के पास आते हैं क्योंकि वे केवल इस की लस्सी को पचा सकते हैं

          चकित श्रोताओं के रवैये से बहुत प्रोत्साहित महसूस करते हुए, बचाव पक्ष के वकील ने अदालत के सामने झुककर और विनती करते हुए अपनी टिप्पणी समाप्त की, "कृपया मेरे मुवक्किल के व्यापार के रहस्यों को क्लाइंट सुरक्षा प्रदान करें, जिसे मैं आपके आधिपत्य के सामने रखने के लिए बाध्य हूं। मुझे डर है कि कुछ नकलची और बेईमान विदेशी बहु-देशीय निर्माता ब्लोटिंग पेपर का पैटेंट करवाकर, इसकी  ब्रांडिंग करके भारी और मोटे मुनाफे में बेचेंगे। यह सब मेरे मुवक्किल, जिसकी महान प्रतिभा और ईमानदारी का पूरा देश कृतज्ञ और कर्जदार है, के प्रति अन्याय और नाइंसाफी होगी।" अदालत ने मामले को खारिज कर दिया, उसकी लस्सी का पैटेंट करवा दिया और उसे स-सम्मान बरी कर दिया।

          एन्कर ने एक लंबी सांस लेते हुआ आगे कहा -  “न्यायालय ने तो उसे बारी कर दिया, लेकिन आप क्या करेंगे? क्या इन दलीलों पर आपको विश्वास है? क्या ब्लोटिंग पेपर से बनी लस्सी आप पीयेंगे? या फिर वही कहेंगे, अपना पुराना डियालोग  - “मेरे अकेले के करने से क्या होगा?निर्णय आपके हाथ में है।

          मैं अभी तक स्तब्ध पड़ा था, तभी पत्नी की आवाज कानों में पड़ी, “रहने दो मैं घर में ही अच्छी सी लस्सी बनाती हूँ, भले ही मलाईदार न बने कम-से-कम ब्लोटिंग पेपर तो नहीं ही होगा।”

 (यहाँ लस्सी तो केवल एक माध्यम है, लेकिन कमोबेश बाज़ार में उपलब्ध सभी खाद्य पदार्थों के पककेट्स का एक ही किस्सा है। घर में पकाया हुआ समान फ्रीज़ में भी कुछ ही दिन चलता है जबकि बाजार में बिकने वाले पदार्थ कई सप्ताह / महीने  चलते हैं, क्यों? गणमान्य रसायन शास्त्री, विशेषज्ञ, लैबरोटरी, डॉक्टर किस के पक्ष में बोलते के लिए मजबूर हैं?)

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