सूतांजली के जुलाई अंक का संपर्क
सूत्र (लिंक) नीचे दिया गया है:
https://sootanjali.blogspot.com/2020/07/2020.html
आपकी सुविधा के लिए, संपर्क सूत्र (लिंक) पर अंक का औडियो भी डाल रहे हैं। इसके अलावा
प्रसंगोचित फोटो, संपर्क सूत्र (लिंक) एवं अन्य प्रासंगिक सामाग्री भी मुहैया करवा
रहे हैं। आशा है आपको पसंद आयेगा।
सूतांजली के जुलाई अंक में निम्नलिखित दो विषयों पर चर्चा है:
१। “अविकसित”.......कौन?
मेरे
भाई केविन को पता है कि गिरिजाघर से कहीं ज्यादा भगवान उसकी खाट के नीचे बसते
हैं।..... एक रात उसके कमरे के सामने से गुज़रते हुए मैंने उसे कहते सुना था, “लो यीशु, मैं आ गया सोने,
तुम भी आ गये क्या अपने बिस्तर पर?”..... मेरी हल्की
खिलखिलाहट फूट पड़ी थी, ..... मैंने दरार से झांक कर देखा, केविन पलंग के पास उकड़ूँ बैठा नीचे झांक रहा था,
“थक गये क्या यीशु? क्या.....
(अग्निशिखा
में प्रकाशित वंदना जी की रचना)
२। प्रार्थना
“अगर
चूल्हे पर सब कुछ डालकर खाना बनाना शुरू किया जाए तो खाना तो पकता ही है .....
लेकिन वह कितनी देर में पकेगा, यह चूल्हे की लौ
पर निर्भर करता है। जितनी तेज लौ होगी, खाना उतनी ही जल्दी
बनता है”।
“सूखे
से ग्रस्त गाँववाले, मंदिर में, ईश्वर से वर्षा
की सामूहिक प्रार्थना करने जमा हुए। लेकिन छाता लेकर तो केवल एक बच्चा ही आया था”।
“आप मांगों,
ईश्वर आपको देगा। आप खोजना शुरू करो, ईश्वर उसका पता देगा।
आप खटखटाओ.....
संपर्क सूत्र (लिंक):
https://sootanjali.blogspot.com/2020/07/2020.html
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