सर्व प्रथम, सूतांजली के चौथे वर्ष में प्रवेश में सहयोग के लिए धन्यवाद।
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१। अनुशासित विरोध
गांधी का तरीका – कैसे करें विरोधियों से बर्ताव?
८ अगस्त १९४२ मुंबई, गवालिया टैंक मैदान – आज का अगस्त क्रांति मैदान – युद्ध की घोषणा का
स्थल बना था, और महात्मा गांधी ने अखिल भारतीय काँग्रेस
कमेटी को संबोधित किया था। ‘गांधी मार्ग’ से उसी सम्बोधन का प्रारम्भिक अनुच्छेद।)
“आपने
अभी जो प्रस्ताव पास किया है उसके लिए मैं आपको बधाई देता हूँ। मैं उस तीन साथ.......
२। सोचो और समझो
बातें -
क। श्री जय प्रकाश नारायण, और
ख। बी आर अंबेडकर की
३। सामान्य सेवक और निष्ठावान भक्त
विनोबा से प्रश्नोत्तर :
विनोबा से बातचीत का अलग ही आनंद था, क्योंकि वे, सवाल के बोझ और
जवाब के आतंक से मुक्त, आनंद में पगे होते थे। एक छोटी से
बानगी ‘गांधी मार्ग’ से।
प्रश्न
: लक्ष्मी अपने माँ-बाप के अंतिम समय में भी नहीं आई। उस वक्त उनके पास रहना
लक्ष्मी ....
४। परतन्त्रता का मूल है - भय
भय
क्यों, किससे? भय को पहचानें और दूर
करें। स्वतन्त्रता का यही सिद्धान्त है। श्री माँ,गांधी और
बाज़ार के कारनामे:
‘अग्निशिखा’ में मैंने पढ़ा कि श्रीमाँ अपने अनुभवों की चर्चा करते हुए एक दिन
बताती हैं:
मैंने
अपनी आंखें खोलीं और क्या देखती हूँ मैं? एक
विशाल, क्रुद्ध सर्प मेरे सामने फुफकार रहा था। वह आधा
कुंडली मारे बैठा था। उसे मेरा वहाँ बैठना
बिलकुल नहीं गंवारा। मुझे पता नहीं था .....
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