दीपोत्सव के वंदन |
सूतांजली के नवम्बर अंक का संपर्क सूत्र नीचे दिया है।
इस अंक में निम्नलिखित विषयों पर चर्चा है:
सर्वप्रथम दीपावली के पुनीत अवसर पर बधाई एवम अभिनंदन।
१। माँ से प्रार्थना
यह
अंक हमने प्रारम्भ किया है ‘माँ से प्रार्थना’ से। यह प्रार्थना श्री अरविंद सोसाइटी की पत्रिका ‘अग्निशाखा’ में प्रकाशित प्रार्थना पर आधारित है।
२। वंश या धर्म?
वंश
के नष्ट होने से धर्म का नाश होता है या धर्म के नष्ट होने से वंश समाप्त होता है?
इस
प्रश्न पर एक विचार।
३। कैसे थमाएं परम्परा अगली पीढ़ी को
अपनी
परम्पराओं – संस्कारों को सही ढंग से समझना और आने वाली पीढ़ी को समझाना, हमारा उत्तरदायित्व है। क्या हम इसे सही ढंग से निभा रहे हैं? करें थोड़ा विचार। जाने क्या कहते हैं श्री सुदर्शन बिड़ला और श्रीमती रजनी
आनंद लूथरा, संपादिका इंडियन लिंक,
ऑस्ट्रेलिया।
४। निष्काम कर्म और कर्म-संन्यास
जाने
माने लेखक श्री नरेंद्र कोहली की गीता पर आधारित उपन्यास ‘शरणम’ से एक पठनीय उद्धरण।
५। त्यौहारों पर अभिनंदन
अपने
त्यौहारों-पर्वों पर बधाई और अभिनंदन संदेश भेजिये, लेकिन अपने पारिवारिक और भारतीय
पद्धति से। दूसरों की नकल नहीं, दूसरों का संदेश नहीं।
‘सूतांजली के आँगन में’ के नाम से ज़ूम मीटिंग की सूचना और अपने सुझाव देने का अनुरोध।
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