विदेशी मनीषियों, साहित्यकारों, विद्वानों का हमारी संस्कृति, आस्था, साहित्य और भाषा के क्षेत्र में अप्रतिम योगदान रहा है। उनके यात्रा विवरणों से विश्व को हमारे एवं हमें अपने इतिहास, देश-काल, संस्कृति, सभ्यता और समाज का पता चलता है। इसके अलावा हमारे कई अनमोल ग्रन्थों का भी उन्होंने ही उद्धार किया है । इसमें एक नाम है जर्मनी के श्री मैक्स मुलर का। हम यह जानते हैं कि हमारे वेदों को विलुप्त होने से बचाने में मैक्स मुलर का ही हाथ था। ये मैक्स मुलर ही थे जिनके प्रयास से विलुप्त होते हमारे चारों वेद प्रकाश में आये, उनकी छपाई हुई तथा अनेक भाषाओं में उनका अनुवाद भी हुआ। इस प्रकार ये हमारे अनमोल आधारशिला ग्रंथ विलुप्त होने से बचे।
ग्रिर्यसन
का तेस्सितोरी पर निर्भता इसी बात से समझा जा सकता है कि फ्लोरेंस यूनिवर्सिटी के
विद्वान ने संस्कृत, प्रकृत व पाली में शीर्ष डिग्री प्राप्त की। उन्होंने न केवल रामयाण
पढ़ी बल्कि संस्कृत में लिखे बाल्मिकी रामायण तथा अवधी में तुलसीदासकृत
राम चरित मानस के तुलनात्मक अध्ययन पर शोध कर शोध पत्र भी लिखा। तेस्सितोरी
ने राजपुताना की भाषा व संस्कृति के विकास क्रम को लिपिबद्ध किया। राजस्थान में
उनके महत्व को इसी बात से समझा जा सकता है कि राजस्थान की कई सड़कों व संस्थानों का
नामकरण उनके नाम पर हुआ है। उन्होंने राजस्थान प्रवास के दौरान, यहाँ न केवल सघन दौरा किया, बल्कि तपते रेगिस्तान
तथा झुलसा देने वाली धूप की भी परवाह किए बगैर राजस्थानी भाषा व संस्कृति के विकास
व समृद्धि के लिए काम किया। हालकृत सतसई, नासकेतरी कथा, इंद्रिय पराजय शतकम और
आजाद वक्त की कथा आदि कृतियों का इतालवी भाषा में अनुवाद करके जहाँ, वहाँ के लोगों को भारतीय साहित्य से परिचित कराया, वहीं इतालवी साहित्य
की भी श्री वृद्धि करके अपनी मातृभाषा की सेवा भी की।
मात्र 32 वर्ष
की अल्पायु में 22 नवंबर 1919 को बीकानेर में माँ भारती का यह चितेरा उसकी गोद में
सदा के लिए सो गया। बिकानेर के राजकीय संग्रहालय के प्रांगण में उनकी मूर्ति लगी
है और इसी के नजदीक कब्रगाह में उनका मकबरा सुरक्षित है।
राजस्थानी प्रचारिणी
सभा, दी एशियाटिक सोसाइटी के साथ हर वर्ष डा तेस्सितोरी की याद में व्याख्यान
का आयोजन करती है। इस वर्ष यह आयोजन शनिवार, 9 नवंबर को
संध्या 7.00 बजे से ज़ूम पर आयोजित है जिसमें उदीने, इटली के
भाषाविद भी भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम की पूरी जानकारी तथा ज़ूम सभा की पूरी सूचना
नीचे संलग्न है। हम ऐसी सभाओं में उपस्थिती दर्ज करा कर अपनी जानकारी बढ़ा सकते हैं
साथ ही इससे आयोजकों का उत्साहवर्धन भी होता है। अत: प्रयत्न कर इस आयोजन का
हिस्सा बनें।
राजस्थानी
प्रचारिणी सभा एवं दी एशियाटिक सोसाइटी आपको आमंत्रित करती है ज़ूम सभा में
विषय
: डॉ. एल पी तेस्सितोरी - व्याख्यानमाला
2020
समय
: शनिवार, जनवरी 9, 2021, 07:00 संध्या, कोलकाता, भारत
https://us02web.zoom.us/j/6106781034?pwd=ZkwzNHU1SytvaXBlV3dKSmFBWjVPZz09
पासकोड
: tessitori
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