सूतांजली अप्रैल २०२० में केवल एक लेख है ।
कोरोना ने विश्व की नींद हराम कर रखी है।
लेकिन यह विश्वास
रखना चाहिए कि जैसी भी होगी अभी से बेहतर होगी। हमारा यह विश्वास ही हमें एक बेहतर
दुनिया दे सकेगा। साकार वही होगा, जो हम देखेंगे। संकट के समय
अपना संतुलन न खोएँ, हताश न होएं, दुखी न होएं, चिंता न करें। खुला आसमान देखें, चिड़ियों का चहकना सुनें, परिचितों से दिल खोल कर
बातें.......
मैंने लोगों से पूछा, “क्या दुनिया बदल जाएगी? कैसी होगी वह नई दुनिया”? लोगों की मिश्रित प्रतिक्रिया .........
बुरे, अच्छों को देख, बुराई छोड़ अच्छे नहीं बनते। लेकिन
अच्छे, बुरों को देख, अच्छाई छोड़ बुरे
हो जाते हैं।........
मुझे
श्री अरविंद कि बात याद आ रही है, आज कल से.......
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