हमारे मौलिक कर्तव्य खबरें जरा हट के
SC seeks Centre and state’s reply on Fundamental
Duties
(उच्चत्तम
न्यायालय ने केंद्र और राज्यों से मौलिक कर्तव्यों पर जवाब माँगा)
आगे बढ़ने के पहले मैं यह बता दूँ कि, मीडिया और सोशल मीडिया पर हर विषय पर पक्ष और विपक्ष में इतनी बातें
धड़ल्ले से प्रचारित होती हैं कि क्या है सच और क्या है झूठ, क्या
सही है क्या गलत यह हमारे लिए जान पाना असंभव सा ही होता है। यही नहीं खबर सुनाने
के बजाय हर चैनल उस खबर पर अपनी टिप्पणी-प्रतिक्रिया देने के लिए इतना उतावला रहता
है कि असली खबर गौण हो जाती है और हम उस प्रतिक्रिया के बहाव में बह जाते हैं। इस
तथ्य को ध्यान में रखते हुए इस खबर पर मैंने अपनी तरफ से कोई टिप्पणी नहीं की है।
केवल तथ्यों को ही प्रस्तुत किया है।
खबर के अनुसार वादी के जनहित याचिका (PIL) पर पहले तो न्यायालय ने सुनवाई करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि
यह याचिका राजनीतिक व्यवस्था के अंतर्गत है और जनता के चुने हुए प्रतिनिधि ही इस
पर निर्णय ले सकते हैं। लेकिन फिर वादी के अनुरोध पर न्यायालय ने सरकार से इस पर
जवाब माँगा, और उनको मौलिक कर्तव्यों के पालन के लिए एक उचित
“संविधान की धारा पार्ट IV-A के
अंतर्गत विस्तृत एवं समुचित कानून / नियम” बनाने के लिए कहा है ताकि नागरिक अपने
मौलिक कर्तव्यों का सही और उचित ढंग से पालन करें।
मौलिक अधिकार और मौलिक कर्तव्य की बात
जरा सी समझने की है। “मौलिक अधिकार” (Fundamental Rights)
हमें संविधान में प्रारम्भ, 1950 से ही प्राप्त हैं, इसके अंतर्गत अनेक मुकदमे हर समय चलते रहते हैं,
इसकी चर्चा आप प्रायः सुनते रहते होंगे। यह अधिकार हमें कानून प्राप्त है और न
मिलने पर, हम इसकी माँग न्यायालयों से कर सकते हैं।
लेकिन मौलिक कर्तव्य (Fundamenatal
Duties) का किस्सा अलग है। तत्कालीन प्रधान मंत्री श्रीमती इन्दिरा
गांधी ने इसे संविधान के 42 वें संशोधन के अंतर्गत 1976 में इसे संविधान में जोड़ा था।
इनमें 10 कर्तव्यों का जिक्र है, बाद में 2002 में इसमें एक और जोड़ा गया। इस प्रकार अब
इसकी संख्या 11 हो गई है। ये 11 कर्तव्य हिन्दी और अँग्रेजी में नीचे दिये गए हैं।
मौलिक कर्तव्य
अनुच्छेद 51(क) |
भाग 4(क) मौलिक कर्तव्य |
यह भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होगा |
|
(a) प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह संविधान का पालन करे और उसके
आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और
राष्ट्र गान का आदर करें; |
|
(b) स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करनेवाले उच्च
आदर्शों को हृदय में संजोए रखे और उनका पालन करे; |
|
(c) भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करे और
उसे अक्षुण्ण रखे; |
|
(d) देश की रक्षा करे; |
|
(e) भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण
करे; |
|
(f) हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे और उसका
निर्माण करे; |
|
(g) प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और उसका संवर्धन करे; |
|
(h) वैज्ञानिक दृष्टिकोण और ज्ञानार्जन की भावना का विकास करे; |
|
(i) सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे; |
|
(j) व्यक्तिगत एवं सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर
बढ़ने का सतत प्रयास करे; |
|
(k) माता-पिता या संरक्षक द्वार 6 से 14 वर्ष के बच्चों हेतु प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना. |
Fundamental
Duties
List of Particulars |
Fundamental Duties of Indian Citizens |
Covered In |
Part IV A, Article 51 –A |
Borrowed from Country |
USSR (Russia) |
Amendment in Constitution |
42nd Amendment 1976,
introduced Article 51 A in the constitution |
Recommended by |
Mr.Swaran Singh Committee. |
Numbers |
Originally -10 duties Now -11
duties (added by 86th Amendment ACT, 2002) |
List of Fundamental Duties |
1.
Abide
by the Constitution and respect national flag & National Anthem 2.
Follow
ideals of the freedom struggle 3.
Protect
sovereignty & integrity of India 4.
Defend
the country and render national services when called upon 5.
Sprit
of common brotherhood 6.
Preserve
composite culture 7.
Preserve
natural environment 8.
Develop
scientific temper 9.
Safeguard
public property 10.
Strive
for excellence 11.
Duty
for all parents/guardians to send their children in the age group of 6-14
years to school. |
अपनी बात रखते हुए वादी ने कहा कि अभी
एक ऐसा माहौल बन गया है जिसमें एक नागरिक अपने नागरिक अधिकारों और नागरिक
कर्तव्यों के मध्य के संतुलन से हटती जा रही है। हर अधिकार के साथ कर्तव्य भी जुड़ा
है। अतः इस परिप्रेक्ष्य में इसकी कानूनी व्यवस्था आवश्यक है।
पत्र में छपी खबर भी आपकी विस्तृत
जानकारी के लिए नीचे दी जा रही है साथ ही “विकिपीडिया” का लिंक भी।
संपर्क
सूत्र à
https://en.wikipedia.org/wiki/Fundamental_Rights,_Directive_Principles_and_Fundamental_Duties_of_India#Fundamental_Duties
वादी और
न्यायालय के इस कदम पर हमारा क्या और कितना ध्यान होना चाहिए?
हमारा इससे
क्या सरोकार होना चाहिए?
क्या इस पर
हमें खुद मंथन करना है?
आप अपने
विचार और सुझाव से हमें अवगत कराएँ।
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