सूतांजली के जून अंक में एक लम्बी लघु कथा, योग दिवस पर मन का योग, लघु कहानी और धारावाहिक ‘कारावास की कहानी – श्री अरविंद की जुबानी’ की अट्ठारहवीं किश्त है।
१। एक लम्बी लघु कथा
एक कहानी और साथ
में एक विदेशी महिला का मार्मिक अनुभव
२। मन का योग
योग दिवस पर क्या है योग और उसका महत्व। क्या योग केवल एक शारीरिक
व्यायाम मात्र है?
३। संवेदना
- लघु कहानी - जो सिखाती है जीना
हर किसी के हृदय में एक बचपन भी होता है और सरलता भी, चाहे बड़ा अधिकारी हो या चपरासी।
४। कारावास
की कहानी – श्री अरविंद की जुबानी (१८) – धारावाहिक
धारावाहिक
की अट्ठारहवीं किश्त
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