शुक्रवार, 5 जून 2020

सूतांजली, जून 2020


सूतांजली के जून अंक में निम्नलिखित दो विषयों पर चर्चा है:
१। क्या आप कुछ करती हैं?
“क्या आप काम-काजी महिला हैं?”
मैं पिछले वर्ष हिमालय की गोद में बसे खूबसूरत नगर नैनीताल के वन-निवास, श्री अरविंद आश्रम के एक साप्ताहिक शिविर में गई थी। जैसी रमणीक जगह वैसे ही खुश मिजाज लोग।  इसी शिविर में थे एक सज्जन बुजुर्ग, ९० वसंत देख चुके थे। फिर भी गज़ब की स्फूर्ति, सेहत और वर्तमान ......
-      रश्मि करनानी की रचना
२। चिंता ही तरक्की है?
जो यह कहते हैं कि चिंता चिता है’, उन्हे तरक्की की न तो जानकारी है न ही उन्हे हमारी तरक्की की चिंता है। हमने माना “चिंता चिता है”; हमने चिंता न करने की सलाह दी, उपदेश दिया।  इसीलिये हमारी  तरक्की बंद हो गई। जबसे हमने चिंता करना सीख लिया तब से हमारी तरक्की शुरू हो गई। विश्वास कीजिये हम जितनी ज्यादा चिंता करेंगे हमारी तरक्की भी उसी अनुपात में बढ़ती जाएगी, क्योंकि चिंता ही तरक्की का मूल है, चिंता ही हमें तरक्की करने के लिये बाध्य करती है। बाजार पुर-जोर इसी कोशिश में लगा है कि हम चिंता करना छोड़ न दें। बस ऐसा ही समझना चाहिए कि ......

जून अंक का संपर्क सूत्र (लिंक) नीचे दिया हुआ है:


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