शुक्रवार, 4 दिसंबर 2020

सूतांजली दिसंबर, 2020

 सूतांजली के दिसंबर अंक का संपर्क सूत्र नीचे दिया है।

इस अंक में एक प्रश्न पर चर्चा है:

“मैं कौन हूँ?”

मैं कौन हूँ? यह एक शाश्वत प्रश्न है। अनादि काल से यह प्रश्न ऋषियों, मुनियों, संतों, चिंतकों, दार्शनिकों, मनोवैज्ञानिकों को मथता रहा है, भारत में ही नहीं पूरे विश्व में। अलग-अलग देश-काल में अलग-अलग लोगों ने अपने ज्ञान और अनुभव के आधार पर अपने अपने ढंग से इसका उत्तर दिया भी है। लेकिन  इनमें एक्य तो है ही नहीं विरोधाभास भी है। और यह प्रश्न आज भी जस-का-तस-खड़ा है।

इसका यह अर्थ नहीं है कि कोई भी इसका उत्तर ढूंढ नहीं पाया। अनेकों ने अपने अपने ढंग से इसे व्याख्यायित किया है। किसी एक की सुनें तो वही सटीक लगता है; लेकिन दो विरोधाभासी व्याख्या सुनें तो असमंजस की स्थिति पैदा हो जाती है। लेकिन दोनों ही अपनी अपनी जगह पर सही हैं; जब तक एक सर्वमान्य व्याख्या ढूंढ न ली जाये। आज हम इसी विषय पर कुछ विरोधी व्याख्याओं की चर्चा करेंगे।  

इस प्रश्न पर निम्नलिखित मनीषियों के विचार उद्धृत हैं: -

श्री अरविंद,

डॉ वेन डायर,

श्री जे.कृष्णमूर्ति, और

श्री सद्गुरु

 

संपर्क सूत्र (लिंक): -> https://sootanjali.blogspot.com/2020/12/2020.html

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