सूतांजली के फरवरी अंक का संपर्क सूत्र नीचे है:-
इस अंक में तीन विषयों पर चर्चा है:
१। यक्ष प्रश्न
यक्ष
ने अगला प्रश्न किया, “संसार में दु:ख क्यों है?”
“लालच, स्वार्थ, भय संसार के दु:ख के कारण हैं”, युधिष्ठिर ने बताया।
“तब
फिर ईश्वर ने दु:ख की रचना क्यों की?”
“ईश्वर
ने संसार की रचना की। और मनुष्य ने अपने विचार और कर्मों से दु:ख और सुख की रचना
की”। ..........................
२। अंधेरा
·
अंधेरा, अंधकार, अँधियारा, तमस, रात, तम, तिमिर
·
अज्ञानता, मतिभ्रम, निराशा, अवसाद, रहस्य, अप्रसिद्धि, अपमान, मृत्यु
·
दिन में सूर्य
प्रकाशित होता है तो रात्रि में चाँद, तारे, दीपक, मोमबत्ती, मशाल, बिजली अंधेरे का नाश करते हैं
·
जरा ठहरो, यानि प्रकाश के लिये किसी का होना आवश्यक है! चाहे वह सूर्य हो या चाँद-तारे, या दीपक, बिजली या कुछ
और! ...................
३। कारावास की
कहानी
पांडिचेरी आने के पहले श्री अरविंद कुछ समय अंग्रेजों की जेल बंद में थे।
जेल के इस जीवन का, श्री अरविंद ने ‘कारावास की कहानी’ के नाम से,
रोचक वर्णन किया है। ‘अग्निशिखा’ में इसके रोचक अंश प्रकाशित हुए थे। इसे हम जनवरी माह से एक धारावाहिक के
रूप में प्रकाशित कर रहे हैं। इस कड़ी में यहाँ इसका दूसरा अंश है।
संपर्क
सूत्र (लिंक): -> https://sootanjali.blogspot.com/2021/02/blog-post.html
ब्लॉग
में इस अंक का औडियो भी उपलब्ध है।
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