शनिवार, 1 जनवरी 2022

सूतांजली जनवरी 2022

 नव २०२२ पर हार्दिक शुभ-कामनाएँ एवं बधाई।

सूतांजली के जनवरी अंक के ब्लॉग और यू ट्यूब का  संपर्क सूत्र नीचे है:-

इस अंक में तीन विषय, एक लघु कहानी और धारावाहिक कारावास की कहानी – श्री अरविंद की जुबानी की तेरहवीं किश्त है।

१। नया सवेरा                                                    मैंने पढ़ा

नव-प्रभात का वर्णन अद्भुत है। लेखिका की कलाम को सराहे बिना नहीं रहा जा सकता।

भगवती माँ स्व के बदले सर्व का चिंतन करने का उपदेश देती है। स्व में केवल स्वयं के लिए सुख, शांति, स्वर्ग की कल्पना है। लेकिन बिना अपनों के, बिना प्रियजनों के यह अधूरी है। सर्व के लिए प्रयास हमें सुख, शांति, स्वर्ग, मोक्ष तक नहीं ले जाता है बल्कि इन्हें धरा पर उतार लाता है। इस नव-वर्ष “सर्व” पर ही कार्य करने का संकल्प लें।

२। निर्भीक

निर्भीकता की परिभाषा देने के लिए दिवगंत जनरल बिपिन रावत सबों को छोड़ कर महात्मा की उक्ति याद अति है।

३। बापू की कमी खलती है                                       मैंने पढ़ा

क्यों खलती है बापू की कमी। समझिए एक मार्क्सवादी की कलाम से। उनकी अपनी कोई बात थी ही नहीं। उन्होंने सब बातें विश्व के विभिन्न धर्मों से, विद्वानों से, चिंतकों से ही उठाई थी। हम उन्हीं की बात दोहराते हैं, अपने शब्दों में, अपनी बात कह कर। हम अपना कार्य सही ढंग से नहीं कर सके, हम अपने उत्तरदायित्व का निर्वाह नहीं कर पाये, तब ...... उस रिक्त स्थान को कौन भरेगा...... कौन करेगा उस कमी को दूर......  

४। असली पूंजी                                   लघु कहानी (संस्मरण) - जो सिखाती है जीना

असली पूंजी क्या है? क्यों महात्मा ने लाखों-करोड़ों को छोड़ एक ताँबे के सिक्के का मोल ज्यादा लगाया?

५। कारावास की कहानी – श्री अरविंद की जुबानी – धारावाहिक

धारावाहिक की तेरहवीं किश्त


यू ट्यूब का संपर्क सूत्र (लिंक) : à

https://youtu.be/27HCnS2tErw

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