सूतांजली अप्रैल, २०१९ का अंक तैयार है।
इस अंक में दो लेख हैं और एक रिपोर्ट है -
१. प्रश्न पूछने का हक और फर्ज
‘प्रश्न पूछने के अधिकार’ को लेकर काफी चर्चा है, विशेकर बुद्धिजीवी वर्ग में। लेकिन इस अधिकार के साथ जुड़े उत्तरदायित्व को समझने की कोशिश नहीं है। प्रश्न पूछने के पहले विचार करें कि आपका उद्देश्य क्या है? अन्यथा हो सकता है आप अपने से, समाज से, देश से, मानव से अन्याय कर रहे हों।
२. चलो तो सही
केवल पढ़ना नहीं, केवल सुनना नहीं, केवल सोचना नहीं, चलना भी पड़ता है।
“कौन जनता गांधी को” की मार्च की रिपोर्ट
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