मैं अपने कमरे में बैठा सोच रहा था – मेरी जिंदगी का यह साल कितना बुरा है –
१। मेरा औपरेशन हुआ और मेरा गोलब्लाडर निकाल दिया गया।
इस औपरेशन के कारण बहुत लंबे समय तक बिस्तर पर रहना पड़ा।
२। मैं ६० वर्ष का
हुआ और मेरी पसंदीदा नौकरी चली गयी। मैं सेवा-निवृत्त हो गया। जब मैंने उस संस्था को
छोड़ा तब मुझे उस कम्पनी में काम करते हुए ३० साल हो गए थे ।
३। इसी साल मेरे पिता की मृत्यु भी हो गई। मुझे उनकी मृत्यु का दुःख भी झेलना पड़ा।
४। इसी साल मेरा बेटा
कार एक्सिडेंट हो जाने के कारण मेडिकल की परीक्षा में फेल हो गया क्योंकि उसे बहुत
दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ा। कार की टूट फूट का नुकसान अलग हुआ।
५। कोरोना के कारण
घर से नहीं निकल पाया। किसी से मिलना-जुलना असंभव हो गया। न ही कहीं शहर के बाहर घूमने
जा पाया। घर पर ही कैद हो गया। सबसे कट गया।
वाकई बुरा साल था।
१। मुझे उस गोलब्लाडर
से छुटकारा मिल गया जिसके कारण मैं कई सालों से परेशान था।
२। इसी साल मैं ६०
वर्ष का होकर स्वस्थ दुरस्त, बिना किसी दाग
के, अपनी नौकरी से सेवानिवृत्त हुआ। अब मैं पूरा ध्यान लगाकर
शान्ति के साथ अपने समय का उपयोग और परिवार के लिये बढ़िया कुछ कर पाऊँगा।
३। इसी साल मेरे ९५
वर्ष के पिता, बगैर किसी पर आश्रित और बिना गंभीर
बीमार हुए, परमात्मा के पास शांति से चले गए।
४। इसी साल भगवान्
ने एक्सिडेंट में मेरे बेटे की रक्षा की। कार चूर चूर हो गई, लेकिन मेरा बच्चे की जिन्दगी बच गई। उसे नई जिंदगी तो मिली ही, हाँथ पाँव भी सही सलामत हैं।
५। कोरोना के कारण
अब मैं अपना बहुत समय अपने परिवार को दे रहा हूँ। अपने परिचितों-दोस्तों से
टेलीफोन पर लंबी बातें कर रहा हूँ। पढ़ने और लिखने भी लगा हूँ। वे सब काम, जो अपनी ६० साल की जिन्दगी में
नहीं कर पाया था अब कर रहा हूँ। प्रकृति से भी जुड़ाव हो गया है।
अंत
में लिखा था,
इस
साल भगवान की हम पर बहुत कृपा रही, साल अच्छा है।
मित्रों, मानव-जीवन में अनेक घटनाएँ घटती हैं, अनेकों परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। घटना, चाहे कैसी भी हो, सकारात्मक या नकारात्मक नहीं होती। घटना सिर्फ एक घटना होती है। उसे सकारात्मक या नकारात्मक हमारी सोच बनाती है। किसी घटना / परिस्थिति का प्रभाव, क्या, कैसा और कितना पड़ेगा, यह पूरी तरह हमारे सोचने के तरीके पर निर्भर करता है। चीजें वही रहती हैं पर नजरिया बदलने से पूरा अर्थ बदल जाता है।
जीवन को बदलना है, सफल बनाना है, आनंदमय बनाना है तो सकारात्मक नजरिया रखें।
(सोशल मीडिया से प्रेरित)
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
अपने सुझाव (comments) दें, आपको कैसा लगा और क्यों, नीचे दिये गये ‘एक टिप्पणी भेजें’ पर क्लिक करके। आप अँग्रेजी में
भी लिख सकते हैं।