शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2019

ऑस्ट्रेलिया – मौसम


ऑस्ट्रेलिया – मौसम

मेरे सिडनी आने  बाद किसी ने भारत से पूछा कि यहाँ का मौसम ठंडा है या गरम ? इसके जवाब में  मैंने यही कहा, मैं जब भी लंबे समय के लिए बाहर निकलता हूँ तब मेरे साथ गरम जैकेट, टोपी, मफ़लर साथ ही  पसीना पोंछने के लिए सुगंधित नैपकीन (वेट टिशू पेपर) और छाता भी होता है। हाँ मौसम समाचार पढ़ कर उसके मुताबिक थोड़ा फेर बादल हो सकता है क्योंकि मौसम समाचार के सही होने की उम्मीद ज्यादा रहती है। अब ठंडा है या गरम आप ही समझ लीजिये”।

 सिडनी का मौसम ऐसा ही है। कब गरम पड़ेगी, कब ठंड कुछ पता नहीं चलता। हो सकता है एक तरफ धूप इतनी तेज हो कि चमड़ी जल जाए, सन-बर्न क्रीम की जरूरत हो  लेकिन साथ ही ऐसी बर्फीली हवा चल रही हो कि रोंगटे खड़े हो जाएँ। हाँ, इसका अहसास तभी होता है जब खुले में हों। घर, ऑफिस, शॉपिंग मॉल, ट्रेन, बस, गाड़ी में इसका एहसास नहीं होता। ये सब सील्ड और शीत-ताप-नियंत्रित होते हैं। मैं सिडनी, सितंबर के मध्य में आया। कुछ लोग अक्तूबर में आने वाले थे। हमने कहा कि वहाँ कैसा मौसम है, यह हम बता देंगे, आप उसी प्रकार ठंडे या गरम कपड़े ले आइयेगा। हम अंत तक नहीं बता पाये कि ठंड है या गरम। लेकिन हाँ, हमने यह जरूर कहा कि गरम मौसम के अनुसार कपड़े ले आइए। मौसम बदलने के कारण, ठंड के अनुसार गरम कपड़े सस्ते  में मिल जाएंगे, यहीं खरीद लीजिएगा।

दक्षिण गोलार्ध में होने के कारण औस्ट्रेलिया में मौसम उल्टा रहता है, यानि दिसंबर-जनवरी में गर्मी और मई-जून-जुलाई में सर्दी। ऑस्ट्रेलिया 25.27744 S, 133.7751॰ E तथा सिडनी 33.8688S, 151.2093E में है। वहीं भारत 20.5937N, 78.9629E तथा कोलकाता 22.5726N, 88.3639E में है। भूमध्य रेखा से काफी दक्षिण में होने के कारण औस्ट्रेलिया भारत की तुलना में ठंडा है। इसी कारण यहाँ गर्मी में दिन बेहद लंबे और सर्दी में बहुत छोटे हो जाते हैं। यहाँ सूर्योदय भी भारत से पहले, सर्दी के 6 महीने 4.30 घंटे और गर्मी के 6 महीने 5.30 घंटे, होता है। एक घंटे के आगे पीछे का दिन निश्चित नहीं है, लेकिन अक्तूबर और अप्रैल के प्रथम सप्ताह में छुट्टी के दिन, समय में परिवर्तन किया जाता है। यह एक अकेला देश है जो एक पूरा महाद्वीप भी है। काफी बड़ा होने के कारण औस्ट्रेलिया को प्रमुखत: 3 समय क्षेत्र (टाइम ज़ोन) में बांटा हुआ है – पश्चिम, मध्य और पूर्व। पश्चिम से मध्य में 1.30 घंटे और मध्य से पूरव में आधे घंटे का फर्क है।

यहाँ के निवासियों के लिए अभी गर्मी ही है। हम जैकेट, मफ़लर और टोपी में घूम रहे होते हैं लेकिन यहाँ के बाशिंदे शॉर्ट और टी में। तापमान  30 और 9c के बीच है। धीरे धीरे अब तापमान चढ़ना शुरू होगा।  सबसे अच्छी बात यह है कि समुद्र के किनारे होने पर भी नमी ज्यादा नहीं है। इस कारण पसीना कम या नहीं आता है। बदन में चिपचिपापन नहीं होता है। प्रदूषण नहीं होने के कारण शरीर भी स्वस्थ रहता है। समुद्र किनारे घूम कर आने पर भी बदन में बालू, नमकीनपना, चिपचिपाहट नहीं लगती है। स्नान करना जरूरी नहीं होता है। उस कारण शरीर में स्फूर्ति रहती है, काम करने की शक्ति बनी रहती है। आलस नहीं आता है। व्यक्ति नहीं मौसम दोषी है, हमारे आलसीपने के लिए।

सुहाना सफर और ये मौसम हंसी........

* अब एकबार फिर मौसम बादल गया है। कह सकते हैं की गर्मी आ गई है। 

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