शुक्रवार, 3 दिसंबर 2021

सूतांजली दिसंबर 2021

 सूतांजली के दिसम्बर अंक के ब्लॉग और यू ट्यूब का  संपर्क सूत्र नीचे है:-

इस अंक में तीन विषय, एक लघु कहानी और धारावाहिक कारावास की कहानी – श्री अरविंद की जुबानी की बारहवीं किश्त है।

१। यह या वह - मेरे विचार

कौन-सा मार्ग चुनें, तपस्या का या समर्पण का? बहुधा यह प्रश्न हमारे सामने खड़ा होता है। स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने इस शंका का समाधान बहुत ही सरल भाषा में एक उदाहरण के माध्यम से समझाया है।  श्रीरामकृष्ण कहा करते थे, तुम बन्दर के बच्चे और बिल्ली के बच्चे, इन दोनों में से किसी एक के मार्ग का अनुसरण कर सकते हो। ……..

२। ऐ सुख तू कहाँ मिलता है ? - मेरे विचार

सुख तो हम सब चाहते हैं, लेकिन वह है कहाँ? कहाँ ढूँढे उसे? है तो हमारे अगल-बगल ही, लेकिन हमें दिखता क्यों नहीं, हमें मिलता क्यों नहीं? कैसे दिखेगा-किसे मिलेगा?

३। वाह हिंदुस्तान!  - मैंने पढ़ा

हम उन लोगों में जिन्हें अपना मुल्क, अपना धर्म, अपने संस्कार, अपनी सभ्यता, अपनी संस्कृति, अपना साहित्य सब घटिया लगता है। विदेशी जब इसकी आलोचना करते हैं तब हम उनसे सहमत होते हैं लेकिन जब प्रशंसा करते हैं तब संदेह ही दृष्टि देखते हैं। जब तक हम खुद अपने को इज्जत नहीं देंगे, हमें इस बात की आशा नहीं रखनी चाहिए कि दूसरे इसे इज्जत देंगे। मार्क ट्वेन की भारत की यात्रा-विवरण से कुछ अंश। 

४। हौसला                                          लघु कहानी - जो सिखाती है जीना

हमारे मुँह से निकले हर शब्द का अर्थ होता है, सुनने वाले को प्रभावित करता है। उसे प्रोत्साहित या हतोत्साहित करता है। जब भी मुँह खोलें, समझ कर खोलें।

५। कारावास की कहानी – श्री अरविंद की जुबानी – धारावाहिक

धारावाहिक की बारहवीं किश्त

 ब्लॉग  का संपर्क सूत्र (लिंक): à  

https://sootanjali.blogspot.com/2021/12/2021.html

 यू ट्यूब का संपर्क सूत्र (लिंक) : à

https://youtu.be/GtMdjaqo4Ng


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