रविवार, 22 मार्च 2015

क्या खूब लिखा है किसी ने


बख्श देता है खुदा उनको जिनकी किस्मत खराब होती है
वो हरगिज नहीं बख्शे जाते हैं, जिनकी नियत खराब होती है।

न मेरा एक होगा, न तेरा लाख होगा
न तारीफ तेरी होगी, न मज़ाक मेरा होगा
गुरूर न कर शाहे शरीर का
मेरा भी खाक होगा, तेरा भी खाक होगा।

जिंदगी भर ब्रांडेड ब्रांडेड करने वालों
याद रखना कफन का कोई ब्रांड नहीं होता
कोई रो कर दिल बहलाता है
और कोई हंस कर दर्द छुपाता है।

क्या करामात है कुदरत का
जिंदा इंसान पानी में  डूब जाता है
और मुर्दा तैर कर दिखाता है।

मौत को देखा तो नहीं पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी
कमबख्त,
जो भी उससे मिलता है
जीना छोड़ देता है।

गज़ब की एकता देखी लोगों की जमाने में
ज़िंदों को गिराने में और मुर्दों को उठाने में

जिंदगी में न जाने, कौनसी बात आखरी होगी
न जाने कौनसी रात आखरी होगी
मिलते जुलते, बातें करते रहो यारों
एक दूसरे से न जाने
कौनसी मुलाक़ात

आखरी होगी।

बुधवार, 4 मार्च 2015

निर्मला पुतुल की लेखनी से



कहाँ गया वह परदेशी जो शादी का ढोंग रचाकर
तुम्हारे ही घर में  तुम्हारी बहन के साथ
साल-दो साल रहकर अचानक गायब हो गया?
उस दिलावर सिंह को मिलकर डूँडो चुड़का सोरेन
जो तुम्हारी ही बस्ती की रीता कुजूर को
पढ़ने-लिखने का सपना दिखा कर दिल्ली ले भागा
और आनंद भोगियों के हाथ बेच दिया
और हाँ पहचानो!
अपने ही बीच की उस कई – कई ऊंची सैंडल वाली
स्टेला कुजूर को भी
जो तुम्हारी भोली-भोली बहनों की आंखो में
सुनहरी जिंदगी का ख्वाब दिखाकर
दिल्ली की आया बनानेवाली फैक्ट्रियों में
कर रही है कच्चे माल की तरह सप्लाइ
उन सपनों की हकीकत को जानो चुड़का सोरेन
जिसकी लिजलिजी दीवारों पर पाँव रखकर
वे भागती हैं बेतहाशा पश्चिम की ओर।

सोमवार, 2 मार्च 2015

जरा सोचिए

जरा सोचिए !

हम सचमुच कैसे होते हैं?
उजालों में कुछ और
अंधेरे में कुछ और
रात और दिन के साथ
हम कितने बदल जाते हैं?
हम सचमुच कैसे होते हैं?

अच्छाइयों को अभी पूरा
पकड़ भी नहीं पाते हैं
तो बुराइयाँ जकड़ लेती हैं !

अंतर में बसे राम की आवाज
सुनते तो हैं, फिर
रावण के प्रभाव में
कैसे आ जाते हैं?
हम सचमुच कैसे होते हैं?

हमें कुछ बनना होगा
हमें कुछ करना होगा
आत्म-परीक्षण द्वारा
स्वयं को निहारना होगा
अंतर में बसे राम का रूप
और निखारना होगा!

अच्छाइयाँ हममें हैं
उन्हे बनाए रखना होगा
अंधेरे को उजाले की
शरण में लाना होगा
हम, जो दिन में हैं 
रात में भी बने रहना होगा।