सूतांजली दिसंबर २०१९ में ४ लेख हैं।
१. जीवन
मंत्र
बहुत ही सीधा और सरल है। सब ऐसा करें तो जगत दुनिया जाए।
कठिन इस ‘सब’ में ही है। वापस वही ‘पहले आप के बदले पहले मैं’ कर सकें तो।
२. भ्रष्टाचार से मुक्ति
नियम अनेक बनाए जा सकते हैं, बनाने भी होंगे। लेकिन किवंदन्ती है कि ‘ताले
साहूकारों के लिए ही होते हैं चोरों के लिए नहीं’। भ्रष्टाचार के लिए दंड का प्रावधान तो करना ही होगा। लेकिन
साथ ही उसके विरुद्ध हृदय परिवर्तन भी करना होगा। ऐसा न हो, तो केवल नियम बनाने से
समस्या का समाधान नहीं निकलेगा।
३. काली चमड़ी गोरा नकाब
नारायण मूर्ति का आत्म कथ्य। सुशिक्षित और सक्षम व्यक्तियों की दोहरी मानसिकता,
दोहरा मापदंड ही हमारे देश की प्रगति में सबसे बड़ी बाधक है।
४.बात ज्यादा काम कम
हम बातें लंबी चौड़ी कर लेते हैं। यो यूं कहें कि केवल बातें ही करते हैं।
उसे करने के लिए किसी भी प्रकार का कोई उद्यम। यही मानते हैं कि करने की
ज़िम्मेदारी किसी और की है। क्या यह सोच बदल सकते हैं?
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