मंगलवार, 31 दिसंबर 2019

साप्ताहिक ब्लॉगिंग


साप्ताहिक ब्लॉगिंग

आज 31 दिसंबर 2019। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार सन 2019 का अंतिम दिन। कल नव–वर्ष, 2020 का पदार्पण।  इस नव-वर्ष पर आप सबों को हार्दिक शुभ कामनाएँ। नूतन वर्ष आपके जीवन में सुख-शांति-वैभव एवं ऐश्वर्य लाये। इस ग्रेगोरियन कैलेंडर की शुरुवात की थी पॉप ग्रेगोरी XIII ने 1582 में। इसके पहले जूलियस सीज़र द्वारा प्रतिपादित जूलियन कैलेंडर की ही मान्यता थी।

खैर मेरा उद्देश्य इन कैलेंडरों के बारे में बताना नहीं है। वैसे तो ब्लॉगिंग कई वर्षों से निरंतर कर रहा हूँ। लेकिन मार्च 2018 में मैंने विधिवत हर सप्ताह www.maheshlodha.com पर एक पोस्ट डालने का निश्चय किया था और उसे निभा रहा हूँ। उसके पहले अगस्त 2017 से मासिक सूतांजली लिख रहा हूँ। इसे इसके ब्लॉग http://sootanjali.blogspot.com पर पोस्ट भी कर रहा हूँ। इसके साथ साथ इसकी प्रिंट कॉपी भी भेजी जा रही है तथा मेरे फ़ेस बूक और ब्लॉग पर इसका लिंक भी दिया जा रहा है।  अब इनमें कुछ बदलाव करने का मन बना लिया है।

मेरा घूमने और पढ़ने का शौक रहा है। उम्र के साथ पढ़ने का शौक बढ़ता गया और घूमने का शौक कम होता गया। प्रमुखत: मैं अपने ब्लॉग में दो विषयों पर लिखूंगा। पहला विषय होगा अपनी पढ़ी पुस्तक, लेख, पत्रिका और साहित्य। आधुनिकता ने बहुत कुछ बदल कर रख दिया है। प्रकाशन अब पहले जैसा कष्ट साध्य भी नहीं रहा। वैश्वीकरण ने कला-संस्कृति-ज्ञान-लेखन को भी बाजार में खड़ा कर दिया है। बाजार में हर प्रकार का सृजन हो रहा है। जो कुछ नहीं जानते वे दूसरों के सृजन को अपने नाम से छपवा रहे हैं। महंगे होटलों में, उच्च सरकारी प्रशासकों और विधायकों द्वारा उनका विमोचन होता है, उत्कृष्ट कागजों पर महंगी छपाई होती है। असली साहित्य को प्रकाशक ही नहीं मिल पाते। सरस्वती कोने में बैठी बिसूरती रह जाती हैं और लक्ष्मी उनके रूप में अपना डंका चारों ओर बजा आती है। फलस्वरूप दोयम दर्जे का सृजन प्रचारित-प्रसारित हो जाता है। इस अवस्था में यह जानना, पहचानना और खोज कर निकालना कि क्या पढ़ें और क्या नहीं, एक दुष्कर कार्य हो जाता है।  इस लेखन का उद्देश्य केवल मुझे अच्छे लगे लेखन के बारे में बताना है।

दूसरा विषय है, अपनी यात्राओं के बारे में बताना या / और दिखाना। वहाँ जायें या न जायें या जहां बैठे हैं वहीं बैठे बैठे ही उन्हे देखें - यह आपकी मर्जी।

इनके कारण हो सकता है अब मैं हर सप्ताह पोस्ट न डाल सकूँ, लेकिन लिखता तो रहूँगा। एक बार फिर से नव-वर्ष पर शुभ कामनाएँ।

कोई टिप्पणी नहीं: